भोली सौतेली बहन निषिद्ध इच्छाओं में लिप्त होती है, अपनी शुद्ध मुखौटे को अपनाती है। उसकी मासूम हरकत उसकी गुप्त कल्पनाओं को छुपाती है, जैसे ही वह वर्जित सुखों के आगे आत्मसमर्पण करती है, उसकी तीखी नजर उसकी पापी इच्छाओं की गहराइयों में अन्वेषण के लिए आमंत्रित करती है।.