एक आदमी एक शानदार चमड़े के सोफे पर आत्म-आनंद में लिप्त होता है, जो एक आलीशान लोमड़ी के फर कंबल से सजी होती है। उसका शरीर परमानंद, तकिए से लटके और फर से ढके सोफे-हंपिंग में छटपटाता है, मौलिक इच्छाओं में डूब जाता है।.
एक आदमी एक शानदार चमड़े के सोफे पर आत्म-आनंद में लिप्त होता है, जो एक आलीशान लोमड़ी के फर कंबल से सजी होती है। उसका शरीर परमानंद, तकिए से लटके और फर से ढके सोफे-हंपिंग में छटपटाता है, मौलिक इच्छाओं में डूब जाता है।.
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